मुंबई में Vertical Slums का होगा कायाकल्प: SRA स्कीम को नया आयाम

Vertical Slums

मुंबई की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों को बेहतर जीवन देने के लिए शुरू की गई स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) स्कीम के तहत बने पुराने और जर्जर Vertical Slums को अब नया रूप दिया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि शुरुआती दौर में बने इन Vertical Slums को तोड़कर आधुनिक और बेहतर सुविधाओं वाले भवनों का निर्माण किया जाएगा। इस कदम का मकसद लाखों झुग्गीवासियों के लिए बेहतर रहने की स्थिति सुनिश्चित करना है, जो लंबे समय से खराब रोशनी, हवादार सुविधाओं की कमी और अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।

Vertical Slums: एक पुरानी समस्या

1995 में शुरू हुई SRA स्कीम का उद्देश्य था मुंबई के झुग्गीवासियों को मुफ्त आवास प्रदान करना। इस स्कीम के तहत अब तक लगभग 2.7 लाख आवास इकाइयाँ बनाई जा चुकी हैं। शुरुआती दौर में ये इमारतें ज्यादातर ग्राउंड-प्लस-सात मंजिल तक सीमित थीं। लेकिन समय के साथ इन Vertical Slums की खामियाँ सामने आईं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में इन इमारतों की स्थिति पर चिंता जताते हुए इन्हें “Vertical Slums” का नाम दिया। खराब वेंटिलेशन, अपर्याप्त रोशनी, और तंग जगहों के कारण ये भवन रहने के लिए उपयुक्त नहीं माने जा रहे।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि मुंबई का हर नागरिक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जी सके। Vertical Slums की स्थिति को देखते हुए हमने फैसला किया है कि इन पुरानी इमारतों का पुनर्विकास किया जाएगा।” इस घोषणा ने उन लाखों लोगों में नई उम्मीद जगाई है जो इन इमारतों में रहने को मजबूर हैं।

क्यों पड़ा पुनर्विकास का ज़रूरत?

SRA स्कीम के तहत बनी शुरुआती इमारतें उस समय की नीतियों और संसाधनों के हिसाब से बनाई गई थीं। लेकिन, जैसे-जैसे शहर का विकास हुआ, इन इमारतों की कमियाँ उजागर होने लगीं। कई इमारतों में लिफ्ट की कमी, सीमित पानी की आपूर्ति, और खराब बुनियादी ढांचे ने निवासियों की परेशानियाँ बढ़ा दीं। इसके अलावा, इन इमारतों में रहने वाले लोगों ने शिकायत की कि छोटे-छोटे फ्लैट्स और तंग गलियारों के कारण उनकी जिंदगी और कठिन हो गई है।

हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान इन Vertical Slums की स्थिति को “अमानवीय” करार दिया। कोर्ट ने सरकार और SRA को निर्देश दिया कि इन इमारतों की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएँ। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सरकार ने पुनर्विकास की योजना को तेजी से लागू करने का फैसला किया।

पुनर्विकास का रोडमैप

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुनर्विकास की प्रक्रिया में पुरानी इमारतों को तोड़कर उनकी जगह नई, आधुनिक सुविधाओं से लैस इमारतें बनाई जाएँगी। इन नए भवनों में पर्याप्त रोशनी, हवादार कमरे, लिफ्ट, पानी और बिजली की बेहतर सुविधाएँ, और सामुदायिक स्थानों का प्रावधान होगा। साथ ही, इन इमारतों को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि ये पर्यावरण के अनुकूल हों और ऊर्जा की बचत करें।

SRA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा फोकस अब क्वालिटी ऑफ लाइफ पर है। Vertical Slums को आधुनिक आवासीय परिसरों में बदलने के लिए हम डेवलपर्स और आर्किटेक्ट्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।” इसके लिए सरकार निजी डेवलपर्स के साथ साझेदारी करेगी, जो पहले से ही SRA प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं।

इसके अलावा, पुनर्विकास के दौरान निवासियों को अस्थायी आवास प्रदान करने की योजना भी बनाई जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पुनर्विकास की प्रक्रिया में किसी भी निवासी को बेघर न होना पड़े। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नए फ्लैट्स भी मुफ्त दिए जाएँगे, जैसा कि SRA स्कीम के मूल सिद्धांत में है।

निवासियों की उम्मीदें और चिंताएँ

Vertical Slums में रहने वाले लोग इस घोषणा से उत्साहित हैं, लेकिन उनके मन में कुछ चिंताएँ भी हैं। धारावी की एक निवासी, शांता बाई, कहती हैं, “हमारे लिए यह अच्छी खबर है कि सरकार हमारी स्थिति को समझ रही है। लेकिन हमें डर है कि पुनर्विकास में देरी न हो और हमें लंबे समय तक अस्थायी आवास में न रहना पड़े।”

कई निवासियों ने यह भी माँग की है कि पुनर्विकास की प्रक्रिया में उनकी राय ली जाए। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश पाटिल ने कहा, “सरकार को चाहिए कि वह निवासियों के साथ बातचीत करे और उनकी ज़रूरतों को समझे। Vertical Slums को तोड़कर नई इमारतें बनाना अच्छा कदम है, लेकिन यह तभी सफल होगा जब लोग इसमें शामिल हों।”

मुंबई के लिए एक नई शुरुआत

मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, हमेशा से ही अपने झुग्गी-झोपड़ियों की समस्या से जूझता रहा है। शहर की लगभग 40% आबादी झुग्गियों में रहती है, और SRA स्कीम इस समस्या का एक बड़ा हल रही है। लेकिन शुरुआती कमियों ने इस स्कीम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। अब, Vertical Slums के पुनर्विकास की योजना के साथ, सरकार इस दिशा में एक नया कदम उठा रही है।

शहरी नियोजन विशेषज्ञ डॉ. अमित शर्मा के अनुसार, “यह पुनर्विकास न केवल झुग्गीवासियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगा, बल्कि मुंबई के शहरी परिदृश्य को भी और आकर्षक बनाएगा। Vertical Slums का आधुनिकीकरण शहर की छवि को बेहतर करने में भी मदद करेगा।”

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

पुनर्विकास की राह आसान नहीं होगी। बड़े पैमाने पर इमारतों को तोड़ना, निवासियों को अस्थायी आवास देना, और नए भवनों का निर्माण करना एक जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए भारी-भरकम फंडिंग, समयबद्ध योजना, और सभी हितधारकों के बीच समन्वय की ज़रूरत होगी। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना भी ज़रूरी होगा कि निजी डेवलपर्स इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखें।

सरकार ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देने का वादा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार मुंबई को एक ऐसा शहर बनाना चाहती है जहाँ हर व्यक्ति को सम्मान और सुविधाएँ मिलें। Vertical Slums का पुनर्विकास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

निष्कर्ष

मुंबई के Vertical Slums का पुनर्विकास न केवल एक शहरी परियोजना है, बल्कि लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का एक वादा है। यह कदम SRA स्कीम की शुरुआती कमियों को सुधारने और झुग्गीवासियों को एक सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। अगर यह योजना सही दिशा में और समय पर लागू होती है, तो यह मुंबई के शहरी इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। निवासियों की उम्मीदें अब सरकार और SRA पर टिकी हैं, जो इस चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश में जुटे हैं।

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