ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम

ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम

केंद्रीय बजट 2025-26 में ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम’ की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास और स्थिरता को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से कृषि-आधारित जिलों में रोजगार, कौशल विकास, प्रौद्योगिकी एकीकरण और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित है।

Background of the program

भारत की लगभग 65% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जहां कृषि प्रमुख आजीविका का स्रोत है। हालांकि, कृषि क्षेत्र में चुनौतियों, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, सीमित संसाधन और बाजार की अस्थिरता, के कारण किसानों की आय और जीवन स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन चुनौतियों का समाधान करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई है।

Key objectives of the program

  • आर्थिक विकास: यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कृषि और गैर-कृषि उद्यमों का विकास करेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: कृषि में आधुनिक तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर उत्पादकता में सुधार किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
  • जलवायु अनुकूलन क्षमता: जलवायु-स्मार्ट कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में सक्षम बनाया जाएगा।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए विशेष उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
  • कौशल विकास: स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिल सकें।

Rural Prosperity and Resilience Program Features

  1. 100 विकासशील कृषि जिलों का चयन: कार्यक्रम के पहले चरण में 100 जिलों का चयन किया गया है, जहां कृषि प्रमुख आर्थिक गतिविधि है। इन जिलों में विशेष ध्यान देकर विकास कार्यों को गति दी जाएगी।
  2. स्थानीय संसाधनों का उपयोग: स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करके सतत विकास को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास दोनों सुनिश्चित हों।
  3. प्रौद्योगिकी का एकीकरण: कृषि और ग्रामीण विकास में आधुनिक प्रौद्योगिकी का समावेश किया जाएगा, जिससे उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा।
  4. सामाजिक सुरक्षा: सामाजिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण समुदायों की भलाई सुनिश्चित की जाएगी, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो।

प्रमुख पहलें और उपाय

1. महिला सशक्तिकरण

  • उद्यमशीलता विकास: महिलाओं के लिए विशेष उद्यमिता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें।
  • वित्तीय सहायता: महिला उद्यमियों को वित्तीय संस्थानों के माध्यम से सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।

2. कौशल विकास

  • प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना: ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां युवाओं को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • उद्योगों के साथ साझेदारी: स्थानीय उद्योगों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे प्रशिक्षण के बाद रोजगार की संभावना बढ़े।

3. कृषि में नवाचार

  • उन्नत बीज और तकनीक का प्रसार: किसानों को उन्नत बीज, उर्वरक और कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो।
  • कृषि अनुसंधान केंद्रों को सुदृढ़: कृषि अनुसंधान केंद्रों को सशक्त किया जाएगा, जिससे वे स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए अनुसंधान कर सकें।

4. बुनियादी ढांचे का विकास

  • सड़क और परिवहन: ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा, जिससे बाजारों तक पहुंच सुगम हो सके।
  • बिजली और जल आपूर्ति: सभी ग्रामीण घरों को बिजली और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

5. प्रौद्योगिकी का उपयोग

  • डिजिटल साक्षरता: ग्रामीण निवासियों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग सिखाया जाएगा, जिससे वे सरकारी योजनाओं और बाजार की जानकारी तक पहुंच सकें।
  • ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी।

Expected Results

  • आय में वृद्धि: कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों में वृद्धि से ग्रामीण निवासियों की आय में सुधार होगा।
  • रोजगार के अवसर: कौशल विकास और Entrepreneurship Programs के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
  • सामाजिक विकास: महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के प्रसार से सामाजिक संरचना में Positive परिवर्तन आएंगे।
  • स्थिरता: जलवायु-स्मार्ट कृषि और सतत विकास प्रथाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होगा।

conclusion

‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम’ भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगा।

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