PNB Scam News
भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला, एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार वजह हैं मेहुल चोकसी की भारत वापसी को लेकर दिया गया एक अहम बयान। PNB घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरी प्रसाद एसवी ने कहा है कि मेहुल चोकसी को भारत लाना आसान नहीं होगा, क्योंकि उसके पास “विजय माल्या की तरह भरा हुआ बटुआ” है। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है और भारत सरकार के सामने क्या-क्या चुनौतियाँ हैं।
कौन हैं मेहुल चोकसी?
मेहुल चोकसी एक जाने-माने हीरा व्यापारी हैं और गीताांजलि ग्रुप के मालिक हैं। वे अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर ₹13,000 करोड़ के PNB घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। साल 2018 में घोटाले का खुलासा होने के बाद, मेहुल चोकसी भारत से भागकर कैरेबियन देश एंटीगुआ और बारबुडा चले गए और वहाँ की नागरिकता ले ली।
घोटाले की शुरुआत कैसे हुई?
PNB स्कैम की शुरुआत फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) से हुई। चोकसी और नीरव मोदी ने LoUs का इस्तेमाल करके विदेशों में बैंकों से क्रेडिट लिया, जिसकी भरपाई कभी नहीं की गई। इस धोखाधड़ी में कई बैंक कर्मचारी भी शामिल थे। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, चोकसी और मोदी पर गंभीर आरोप लगे और उनके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया।
व्हिसलब्लोअर हरी प्रसाद ने क्या कहा?
इस केस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हरी प्रसाद एसवी ने 2016 में ही इस घोटाले की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दे दी थी। वे बेंगलुरु में गीताांजलि जेम्स की एक फ्रेंचाइज़ी के मालिक हैं। उनका दावा है कि मेहुल चोकसी ने उनसे ₹13 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए थी।
हरी प्रसाद का मानना है कि मेहुल चोकसी की कानूनी टीम बहुत मजबूत है और उसके पास इतने पैसे हैं कि वह वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। उन्होंने चोकसी की तुलना विजय माल्या से करते हुए कहा, “उसका वॉलेट भरा हुआ है। जब तक उसके पास पैसे हैं, वह किसी भी मामले को उलझा सकता है।”
इंटरपोल ने क्यों हटाया रेड नोटिस?
2023 में इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड नोटिस को हटा दिया था। इसका कारण था कि चोकसी ने दावा किया था कि भारत सरकार ने उसे जबरन अपहरण करके डोमिनिका ले जाने की कोशिश की थी। डोमिनिका की अदालत ने भी इस पर संज्ञान लिया और चोकसी को चिकित्सा आधार पर एंटीगुआ लौटने की अनुमति दे दी।
यह घटनाक्रम भारत सरकार की कोशिशों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि इंटरपोल का रेड नोटिस प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है।
क्या भारत ला पाएगा मेहुल चोकसी को?
मेहुल चोकसी का भारत प्रत्यर्पण अब एक कूटनीतिक और कानूनी लड़ाई बन चुका है। एंटीगुआ की सरकार भारत के साथ सहयोग करने को तैयार तो है, लेकिन वहां की न्यायपालिका पूरी प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा कर रही है। भारत सरकार को यह साबित करना होगा कि चोकसी का अपहरण नहीं किया गया था और उसके खिलाफ दर्ज केस कानूनी रूप से मजबूत हैं।
विजय माल्या और नीरव मोदी से तुलना क्यों?
हरी प्रसाद की यह टिप्पणी कि “उसका वॉलेट भरा हुआ है” सीधा संकेत देती है कि जैसे विजय माल्या और नीरव मोदी ने पैसे और कानूनी जाल में भारत सरकार को उलझा रखा है, वैसे ही चोकसी भी यह रास्ता अपना सकता है। यह बयान उन तमाम प्रयासों पर सवाल उठाता है जो सरकार ने अभी तक किए हैं।
सरकार की रणनीति क्या होनी चाहिए?
- कानूनी दस्तावेज मजबूत करना: भारत सरकार को इंटरनेशनल कोर्ट्स में पेश करने के लिए सारे दस्तावेजों को ठोस बनाना होगा।
- राजनयिक प्रयास तेज करना: एंटीगुआ की सरकार और न्यायपालिका से उच्च स्तर की बातचीत करनी होगी।
- जनता को विश्वास में लेना: ऐसे मामलों में पारदर्शिता जरूरी है ताकि जनता सरकार की नीयत पर सवाल न उठाए।
निष्कर्ष
Mehul Choksi extradition news को लेकर जो ताजा घटनाक्रम सामने आया है, उससे साफ है कि यह मामला जल्दी सुलझने वाला नहीं है। चोकसी की कानूनी टीम, विदेशी नागरिकता और इंटरपोल से राहत – ये सभी चीजें उसके पक्ष में जाती हैं। भारत सरकार के सामने अब यह चुनौती है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत केस बनाए और यह सुनिश्चित करे कि करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति कानून के दायरे से बाहर न रहे।
FAQs
Q1: क्या मेहुल चोकसी को भारत लाना संभव है?
A1: संभव है, लेकिन प्रक्रिया जटिल और लंबी हो सकती है।
Q2: मेहुल चोकसी अब कहाँ है?
A2: वह एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है।
Q3: क्या इंटरपोल ने उसका रेड नोटिस हटा दिया है?
A3: हाँ, 2023 में रेड नोटिस हटा दिया गया था।
Q4: भारत सरकार क्या कदम उठा रही है?
A4: सरकार कानूनी और राजनयिक दोनों स्तर पर काम कर रही है।