Plastic Diploma Course: 10वीं या 12वीं के बाद करियर की गारंटी

Plastic Diploma Course

अगर आप 10वीं या 12वीं पास हैं और आगे की पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार की तलाश में हैं, तो Plastic Diploma Course आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। तकनीक और औद्योगिक विकास के इस दौर में प्लास्टिक इंडस्ट्री में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की भारी डिमांड है। यह कोर्स न सिर्फ तकनीकी ज्ञान देता है, बल्कि छात्रों को नौकरी पाने के लिए भी पूरी तरह तैयार करता है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि यह डिप्लोमा कोर्स क्या है, कहां से किया जा सकता है, और कैसे यह कोर्स युवाओं के करियर को नई दिशा देने में मदद कर रहा है।


क्या है Plastic Diploma Course?

Plastic Diploma Course एक तकनीकी डिप्लोमा कोर्स है जो छात्रों को प्लास्टिक मटेरियल, इसकी प्रोसेसिंग तकनीक, मोल्डिंग, डिजाइनिंग, और क्वालिटी कंट्रोल जैसे महत्वपूर्ण विषयों में प्रशिक्षित करता है। इस कोर्स की अवधि आमतौर पर 3 वर्ष होती है और इसे करने के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास निर्धारित की गई है। कुछ संस्थानों में 12वीं के बाद भी यह कोर्स कराया जाता है।

यह कोर्स खास तौर पर उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो तकनीकी क्षेत्र में रुचि रखते हैं लेकिन अधिक खर्च वाली डिग्री कोर्स नहीं कर सकते। इस कोर्स के तहत छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी दिया जाता है, जिससे वे इंडस्ट्री के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं।


क्यों बढ़ रही है Plastic Diploma Course की डिमांड?

प्लास्टिक इंडस्ट्री भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में से एक है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, पैकेजिंग, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और कंज्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों में प्लास्टिक का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है।

आज के समय में मोबाइल, ई-व्हीकल्स, घरेलू उपकरण और मेडिकल उपकरणों में प्लास्टिक के पुर्जों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस कारण इंडस्ट्री को ऐसे प्रोफेशनल्स की ज़रूरत है जो इन उपकरणों के डिज़ाइन और निर्माण में दक्ष हों। यही कारण है कि Plastic Diploma Course करने वालों को प्लेसमेंट मिलने की संभावना अधिक होती है।


कहां कर सकते हैं यह कोर्स?

देशभर में कई सरकारी और निजी संस्थान Plastic Diploma Course कराते हैं। इसमें से कुछ प्रमुख संस्थान हैं:

  • राजकीय बहु तकनीकी संस्थान, अंबाला (हरियाणा) – यह संस्थान 1997 से प्लास्टिक टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स चला रहा है और यहां से पासआउट छात्रों को हर साल बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट मिल रहा है।
  • Central Institute of Plastics Engineering & Technology (CIPET) – यह भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और देशभर में इसके कई कैंपस हैं।
  • State Board of Technical Education से संबद्ध पॉलिटेक्निक कॉलेज – हर राज्य में ऐसे कई कॉलेज हैं जहां यह कोर्स उपलब्ध है।

इन संस्थानों में प्रवेश के लिए आम तौर पर एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट के आधार पर चयन किया जाता है। कोर्स की फीस सरकारी संस्थानों में कम होती है और छात्रवृत्ति की सुविधा भी दी जाती है।


कोर्स के दौरान क्या सिखाया जाता है?

Plastic Diploma Course के अंतर्गत छात्रों को निम्नलिखित विषयों में प्रशिक्षण दिया जाता है:

  • प्लास्टिक मैटेरियल की पहचान और उनकी उपयोगिता
  • मोल्डिंग तकनीक जैसे कि इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, और एक्सट्रूज़न
  • CAD और CAM तकनीकों के ज़रिए प्लास्टिक डिज़ाइन
  • प्लास्टिक की टेस्टिंग और क्वालिटी कंट्रोल
  • पर्यावरण और रीसाइक्लिंग से जुड़ी जानकारी

छात्रों को इंडस्ट्री विज़िट, इंटर्नशिप और लाइव प्रोजेक्ट्स के माध्यम से वास्तविक अनुभव भी प्रदान किया जाता है, जिससे वे प्लांट या मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं।


रोजगार की क्या संभावनाएं हैं?

Plastic Diploma Course करने के बाद छात्रों के पास कई करियर ऑप्शन होते हैं। वे निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं:

  • प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां – तकनीशियन, ऑपरेटर, और सुपरवाइज़र के रूप में
  • ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री – पुर्जों के डिज़ाइन और मोल्डिंग के लिए
  • फार्मा और मेडिकल इक्विपमेंट कंपनियां
  • कंज्यूमर ड्यूरबल्स जैसे मोबाइल, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां
  • सरकारी और निजी रिसर्च लैब्स

इसके अलावा कई छात्र स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का विकल्प भी चुनते हैं जैसे कि मोल्ड निर्माण यूनिट, प्लास्टिक पैकेजिंग यूनिट या रीसाइक्लिंग प्लांट।


छात्र क्या कहते हैं?

हरियाणा के अंबाला स्थित राजकीय संस्थान से डिप्लोमा कर चुके छात्र रोहित ने बताया, “मैंने 10वीं के बाद यह कोर्स किया था। पहले ही साल में मुझे इंजेक्शन मोल्डिंग यूनिट में इंटर्नशिप मिली और तीसरे साल में ही मुझे एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी से जॉब ऑफर मिला।”

ऐसे कई छात्रों की कहानी इस कोर्स की सफलता को दर्शाती है। खास बात यह है कि इस कोर्स के बाद केवल नौकरी नहीं, बल्कि कौशल (Skill) भी मिलता है जो जीवनभर काम आता है।


निष्कर्ष

आज के प्रतिस्पर्धी युग में केवल डिग्री नहीं, बल्कि स्किल आधारित शिक्षा की ज़रूरत है। Plastic Diploma Course न केवल युवाओं को तकनीकी दक्षता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाता है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकता है जो कम लागत में एक बेहतर करियर की शुरुआत करना चाहते हैं।

अगर आप 10वीं या 12वीं के बाद कोई ऐसा कोर्स करना चाहते हैं जो आपको नौकरी और स्किल दोनों दे, तो Plastic Diploma Course एक स्मार्ट चॉइस हो सकता है।


(नोट: प्रवेश से पहले संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कोर्स डिटेल्स और पात्रता की पूरी जानकारी अवश्य लें।)


अगर आप चाहें तो इस आर्टिकल को अपने स्कूल, कॉलेज या करियर गाइडेंस फोरम में भी साझा कर सकते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इस विकल्प के बारे में जान सकें।

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