AI Related Jobs
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास ने एक नई क्रांति की शुरुआत कर दी है। हाल ही में आई रिपोर्टों के अनुसार, देश में AI related jobs की मांग 2027 तक अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचने वाली है। जहां एक ओर AI टेक्नोलॉजी कंपनियों और इंडस्ट्री में नए अवसर लेकर आ रही है, वहीं दूसरी ओर यह क्षेत्र युवाओं और पेशेवरों के लिए सुनहरे भविष्य के दरवाजे भी खोल रहा है। इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि इस ग्रोथ का कारण क्या है, किस प्रकार की नौकरियां बढ़ रही हैं, और कैसे इस अवसर का लाभ उठाया जा सकता है।
भारत में AI का बढ़ता प्रभाव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब केवल एक तकनीकी शब्द नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन से लेकर सरकारी नीतियों और कॉर्पोरेट रणनीतियों तक, हर स्तर पर अपना प्रभाव छोड़ रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, फाइनेंस और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में AI के उपयोग ने नई संभावनाओं को जन्म दिया है। इसी के चलते AI related jobs की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
Bain & Company की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में AI से संबंधित नौकरियों की संख्या 2027 तक 23 लाख के पार पहुंच सकती है। यह आंकड़ा मौजूदा नौकरी बाजार के लिए न केवल एक बड़ा अवसर है, बल्कि यह दर्शाता है कि AI का युग अब केवल कल्पना नहीं, बल्कि एक ठोस सच्चाई बन चुका है।
45% की संभावित ग्रोथ, लेकिन स्किल गैप चिंता का विषय
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2026 तक AI related jobs में 45% की वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि, इस ग्रोथ के साथ सबसे बड़ी चुनौती है– कौशल की कमी। आज भी भारत में AI क्षेत्र के लिए आवश्यक स्किल्स वाले प्रोफेशनल्स की भारी कमी है। अनुमान के अनुसार, 2027 तक देश में लगभग 12 लाख स्किल्ड AI प्रोफेशनल्स होंगे, लेकिन मांग 23 लाख से अधिक की होगी। इसका मतलब है कि 11 लाख से अधिक नौकरियों के लिए योग्य उम्मीदवार ही नहीं होंगे।
यह स्किल गैप एक दोधारी तलवार की तरह है—एक तरफ यह बाजार के लिए चुनौती है, वहीं दूसरी ओर यह उन लाखों युवाओं और कामकाजी पेशेवरों के लिए एक अवसर भी है जो अपने करियर में बदलाव या उन्नति की सोच रहे हैं।
किन क्षेत्रों में बढ़ रही हैं AI related jobs?
AI का दायरा बहुत व्यापक होता जा रहा है और इसके कारण नौकरियों की विविधता भी बढ़ रही है। निम्नलिखित क्षेत्रों में AI related jobs की मांग सबसे अधिक बढ़ने की संभावना है:
1. मशीन लर्निंग इंजीनियर्स
मशीन लर्निंग (ML) AI का मूल आधार है। ML इंजीनियर्स एल्गोरिद्म डिज़ाइन करते हैं, जो डेटा से सीखकर निर्णय ले सकते हैं। इनकी मांग डेटा साइंस, फाइनेंस, हेल्थकेयर और ऑटोमेशन में तेजी से बढ़ रही है।
2. डेटा साइंटिस्ट्स
AI सिस्टम को ट्रेंड करने के लिए जिन प्रोफेशनल्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वे हैं डेटा साइंटिस्ट्स। ये प्रोफेशनल्स डेटा को इकट्ठा करके, उसकी एनालिसिस करके और उसके आधार पर इनसाइट्स निकालते हैं।
3. NLP (नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग) स्पेशलिस्ट्स
NLP का इस्तेमाल वॉयस असिस्टेंट, चैटबॉट, भाषा अनुवाद और कस्टमर सर्विस ऑटोमेशन में होता है। भारत में भाषाई विविधता को देखते हुए NLP एक्सपर्ट्स की डिमांड दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
4. AI रिसर्चर
नई तकनीकों और एल्गोरिद्म पर रिसर्च करने वाले AI रिसर्चर्स का रोल भी काफी अहम होता है। इनकी भूमिका नए इनोवेशन को बढ़ावा देने में होती है।
5. AI Product Managers
तकनीकी और बिजनेस के बीच की कड़ी बनने वाले AI प्रोडक्ट मैनेजर्स की जरूरत भी तेजी से बढ़ रही है। ये वो प्रोफेशनल होते हैं जो टेक्नोलॉजी को मार्केट की जरूरतों के अनुसार ढालते हैं।
स्किल डेवलपमेंट की दिशा में जरूरी कदम
यदि भारत को वैश्विक स्तर पर AI हब बनना है, तो स्किल डेवलपमेंट पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। सरकार, इंडस्ट्री और एजुकेशनल संस्थानों को मिलकर काम करना होगा ताकि AI related jobs के लिए एक स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार की जा सके। इसके लिए कुछ प्रमुख पहलें हो सकती हैं:
- ऑनलाइन AI कोर्सेज और सर्टिफिकेशन प्रोग्राम्स: Coursera, edX, Udemy जैसे प्लेटफॉर्म्स पर विश्वस्तरीय कोर्सेज उपलब्ध हैं जो घर बैठे AI स्किल्स सिखा सकते हैं।
- कॉलेज स्तर पर AI शिक्षा का समावेश: इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के पाठ्यक्रमों में AI और ML को मुख्य विषय के रूप में शामिल करना समय की मांग है।
- इंडस्ट्री-अकादमिक सहयोग: कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी से स्टूडेंट्स को रियल-लाइफ प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप्स के माध्यम से अनुभव मिल सकता है।
वेतन में भी दिख रहा बड़ा बदलाव
AI से जुड़े प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ने का सीधा असर उनके वेतन पर भी देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, AI related jobs में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में पिछले कुछ वर्षों में औसतन 30-50% की वृद्धि हुई है। शुरुआती स्तर पर भी AI इंजीनियर्स को 8-10 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का पैकेज मिलना आम हो गया है, जबकि अनुभवी प्रोफेशनल्स को करोड़ों तक का सालाना वेतन मिल रहा है।
निष्कर्ष: सुनहरा मौका, लेकिन तैयारी जरूरी
भारत में AI related jobs का बढ़ता ग्राफ एक स्पष्ट संकेत है कि भविष्य में टेक्नोलॉजी ही करियर की दिशा तय करेगी। यह एक ऐसा समय है जब हर विद्यार्थी, युवा पेशेवर और यहां तक कि कार्यरत कर्मचारी भी इस क्षेत्र में अपनी जगह बना सकते हैं।
लेकिन इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। स्किल अपग्रेडेशन, प्रैक्टिकल नॉलेज और इंडस्ट्री की जरूरतों को समझते हुए एक स्पष्ट रणनीति बनाना आवश्यक है।
अगर सही दिशा में कदम उठाए जाएं, तो आने वाले वर्षों में भारत न केवल AI टैलेंट की कमी को पूरा करेगा, बल्कि वह विश्व स्तर पर एक अग्रणी AI हब के रूप में भी उभर सकता है।