ITI Hightech Courses की शुरुआत: अब छात्र बन सकेंगे Drone Pilot और AI एक्सपर्ट

ITI Hightech Courses की शुरुआत

ITI Hightech Courses: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में अब युवाओं को पारंपरिक ट्रेड्स के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी ज्ञान भी मिलेगा। प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए आईटीआई में Hightech Courses की शुरुआत की है। इनमें ड्रोन पायलटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), 3डी प्रिंटिंग, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स, और डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग जैसे विषय शामिल किए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को भविष्य की तकनीकी नौकरियों के लिए तैयार करना है।


बदलते दौर में शिक्षा प्रणाली का नया कदम

तकनीक की दुनिया तेजी से बदल रही है और इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी नए रूप ले रहे हैं। पारंपरिक आईटीआई पाठ्यक्रमों में जहां अब तक केवल फिटर, वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन जैसे कोर्स ही प्रमुख रहे हैं, वहीं अब छात्र Hightech Courses के ज़रिए नए जमाने की स्किल्स सीख सकेंगे। यह परिवर्तन न केवल शिक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि इससे प्रदेश के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को भी नई पहचान मिलेगी।


20 नए विषय होंगे शामिल

उत्तर प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग ने जानकारी दी है कि आईटीआई में कुल 20 नए हाईटेक विषय शुरू किए जा रहे हैं। ये सभी विषय उद्योगों की मौजूदा मांग और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तय किए गए हैं।

इनमें प्रमुख विषय हैं:

  • ड्रोन पायलट और मैकेनिक्स
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • मशीन लर्निंग
  • डेटा एनालिटिक्स
  • रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन
  • 3डी प्रिंटिंग एंड डिजाइनिंग
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
  • साइबर सिक्योरिटी
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी
  • डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग

Hightech Courses के माध्यम से छात्रों को उन तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो वैश्विक स्तर पर भी मांग में हैं।


रोजगार के नए अवसर

आईटीआई में Hightech Courses को शामिल करने का सबसे बड़ा उद्देश्य युवाओं को नौकरी देने के बजाय उन्हें नौकरी के योग्य बनाना है। तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग के अनुसार, “अब तक हमारे छात्र पारंपरिक ट्रेड्स में ही सीमित थे, लेकिन इन नए कोर्सेस के ज़रिए वे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों में भी काम करने के काबिल बनेंगे।”

इसके अलावा, कई स्टार्टअप और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी AI, ड्रोन टेक्नोलॉजी और साइबर सिक्योरिटी जैसी स्किल्स वाले युवाओं की तलाश में हैं। यानी इन कोर्सेस से सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बेहतर करियर की संभावनाएं भी खुलेंगी।


कैसे मिलेगा दाख़िला?

इन Hightech Courses में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को 10वीं या 12वीं पास होना अनिवार्य है। कई कोर्सेस में विज्ञान (Science) की पृष्ठभूमि आवश्यक होगी, खासकर AI और रोबोटिक्स जैसे विषयों में। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और संबंधित आईटीआई संस्थानों की वेबसाइट के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

राज्य सरकार इन कोर्सेस को सुचारु रूप से लागू करने के लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति, आवश्यक लैब्स की स्थापना और उपकरणों की व्यवस्था भी कर रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर बजट भी आवंटित किया गया है।


महिलाओं और ग्रामीण छात्रों को भी मिलेगा लाभ

सरकार का उद्देश्य सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। Hightech Courses को ग्रामीण आईटीआई तक पहुंचाने का लक्ष्य भी तय किया गया है। इससे गांवों के छात्र भी तकनीकी शिक्षा में आगे आ सकेंगे। साथ ही, महिला प्रशिक्षण संस्थानों में भी इन कोर्सेस की शुरुआत की जाएगी, जिससे महिलाओं को तकनीकी क्षेत्र में समान अवसर मिल सके।


भविष्य की तैयारी अभी से

नई शिक्षा नीति और उद्योग 4.0 के दौर में तकनीकी दक्षता सबसे बड़ी ज़रूरत बन गई है। ऐसे में आईटीआई संस्थानों में Hightech Courses की शुरुआत प्रदेश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। ये कोर्सेस न केवल छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाएंगे, बल्कि भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


निष्कर्ष: तकनीकी क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

आईटीआई में Hightech Courses की शुरुआत उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। ड्रोन पायलट से लेकर AI एक्सपर्ट बनने तक का सपना अब केवल बड़ी यूनिवर्सिटीज़ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य के हर छात्र के लिए सुलभ होगा।

यदि तकनीकी शिक्षा की यह लहर सफल रही, तो न केवल प्रदेश, बल्कि पूरा देश तकनीकी क्रांति की ओर एक मजबूत क़दम बढ़ा सकेगा।

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