2025 में आशा वर्कर्स का वेतन
भारत में आशा (Accredited Social Health Activist) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं की रीढ़ माने जाते हैं। ये कार्यकर्ता मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण और प्रजनन स्वास्थ्य जैसी सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, लंबे समय से इन कार्यकर्ताओं को कम मानदेय और अस्थिर रोजगार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
2025 में कई राज्यों ने उनके वेतन में वृद्धि करने की घोषणाएं की हैं, लेकिन इसके बावजूद इनकी मांगें जारी हैं। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में क्या बदलाव हुए हैं, किन राज्यों में वेतन वृद्धि हुई है, और इनकी आगे की क्या मांगें हैं।
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वर्तमान वेतन
1. केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला वेतन
केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय निम्नानुसार है:
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता: ₹4,500 प्रति माह
- मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता: ₹3,500 प्रति माह
- आंगनवाड़ी सहायिका: ₹2,250 प्रति माह
- आशा कार्यकर्ता: इनके वेतन का कोई निश्चित मानक नहीं है, क्योंकि इन्हें प्रोत्साहन आधारित भुगतान किया जाता है।
हालांकि, राज्य सरकारें अपने स्तर पर इसमें अतिरिक्त राशि जोड़ती हैं, जिससे कुल मानदेय अलग-अलग राज्यों में भिन्न होता है।
2. राज्य सरकारों द्वारा दिया जाने वाला वेतन
कई राज्य सरकारों ने 2025 में अपने स्तर पर इनका वेतन बढ़ाने की घोषणाएं की हैं।
कुछ राज्यों में यह वेतन वृद्धि लागू हो चुकी है, जबकि कुछ में इस पर बातचीत जारी है।
वेतन बढ़ोतरी की नई घोषणाएं
1. दिल्ली में वेतन तीन गुना हुआ
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। यदि यह सिफारिश लागू होती है, तो इनका वेतन ₹3,000 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति माह कर दिया जाएगा।
2. महाराष्ट्र में आंदोलन के बाद बढ़ोतरी
मुंबई में हजारों आशा वर्कर्स ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने न्यूनतम वेतन को ₹12,000 से बढ़ाकर ₹18,000 करने की मांग की थी। सरकार ने इस पर सहमति जताई और अब उन्हें बढ़ा हुआ वेतन मिलने लगा है।
3. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सकारात्मक कदम
पश्चिम बंगाल में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक पारिश्रमिक ₹8,250 से बढ़ाकर ₹9,000 कर दिया गया है। इसी तरह, ओडिशा में भी मानदेय में बढ़ोतरी हुई है, जिससे अब वहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹10,000 प्रति माह तक मिलने लगेगा।
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें
हालांकि कई राज्यों में वेतन बढ़ाया गया है, लेकिन कार्यकर्ताओं की कुछ अन्य महत्वपूर्ण मांगें भी हैं, जिन पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
1. स्थायी रोजगार और सरकारी कर्मचारी का दर्जा
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने का महत्वपूर्ण कार्य करती हैं, लेकिन इन्हें अभी तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है।
2. न्यूनतम वेतन ₹15,000-₹18,000 प्रति माह
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि उनका वेतन कम से कम ₹15,000 प्रति माह होना चाहिए।
3. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ
- भविष्य निधि (PF): वर्तमान में उन्हें EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ नहीं मिलता।
- स्वास्थ्य बीमा: आशा कार्यकर्ताओं को किसी भी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल नहीं किया गया है।
- पेंशन योजना: सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार की पेंशन योजना का प्रावधान नहीं है।
सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं
सरकार ने अभी तक केंद्र स्तर पर कोई ठोस वेतन बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की है, लेकिन राज्य सरकारें अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं।
संभावित कदम:
- वेतन में 10-15% वार्षिक बढ़ोतरी – यदि यह लागू होता है, तो आने वाले वर्षों में कार्यकर्ताओं का वेतन धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
- नियमित रोजगार और सामाजिक सुरक्षा लाभ – सरकार इस पर विचार कर सकती है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
- राष्ट्रीय स्तर पर統एक न्यूनतम वेतन नीति – यह तय करने की जरूरत है कि देशभर में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक समान वेतन नीति हो।
निष्कर्ष
2025 में कई राज्यों ने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी की है, लेकिन अब भी उनकी कई मांगें लंबित हैं। वेतन बढ़ोतरी के साथ-साथ उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने और उनके रोजगार को स्थायी करने की जरूरत है।
अगर सरकार इन मांगों पर ध्यान देती है, तो आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और अधिक जोश के साथ काम कर सकेंगी, जिससे भारत की ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी।